रासायनिक अभिक्रियाएँ और समीकरण
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Chapter 1.
रासायनिक अभिक्रियाएँ और समीकरण
Important content :-
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1.रसायनिक परिवर्तन को भी रसायनिक अभिक्रिया कहा जाता है।
2. रसायनिक अभिक्रिया के दो भाग होते है अभिकारक,उत्पाद
3.वे पदार्थ जिनमे रसायनिक अभिक्रिया के द्वारा रसायनिक परिवर्तन होता है अभिकारक कहलाते है |
4.अभिक्रिया के दौरान नए बनने वाले पदार्थ उत्पाद कहलाते है |
5.शब्द- समीकरण में अभिकारकों के उत्पाद में परिवर्तन को उनके मध्य एक तीर का
निशान लगाकर दर्शाया जाता है |
6.तीर का सिरा उत्पाद की ओर इंगित करता है और अभिक्रिया होने की दिशा को
दर्शाता है |
7.अभिकारकों के बीच योग (+) का चिन्ह लगाकर उन्हें बाई ओर (LHS) लिखा जाता है,
:- इसी प्रकार उत्पादों के बीच भी योग (+) चिन्ह लगाकर उन्हें दाई ओर ( RHS) लिखा
जाता है |
:- शब्दों की जगह रसायनिक सूत्र का उपयोग करके रसायनिक समीकरणों को अधिक
संक्षिप्त और उपयोगी बनाया जा सकता है |
:- एक रसायनिक समीकरण एक रसायनिक अभिक्रिया का प्रतिनिधित्व करता है |
:- प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या तीर के दोनों ओर सामान होते है |
:- असंतुलित रसायनिक समीकरण को कंकाली समीकरण कहते है |
:- द्रव्यमान संरक्षण के नियम को संतुष्ट करने के लिए रसायनिक समीकरण को
संतुलित किया जाता है |
:- द्रव्यमान संरक्षण के नियम किसी भी रसायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का ना तो सृजन होता है ना ही विनाश होता है |
:- किसी भी रसायनिक अभिक्रिया के उत्पाद तत्वों का कुल द्रव्यमान अभिकारक तत्वोंकुल द्रव्यमान के बराबर होता है |
:- रसायनिक अभिक्रिया के बाद और रसायनिक अभिक्रिया के पहले प्रत्येक तत्व केपरमाणुओं की संख्या समान रहती है |
:- कंकाली समीकरण को Hit and trial method or inspecting method के उपयोगसे संतुलित किया जा सकता है |

 
 
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